प्रभारी जिलाधिकारी/मुख्य विकास अधिकारी ने की आईसीसीसी में कोविड-19 के नए वेरिएशन अमिक्रान के प्रसार को प्रभावी ढंग से रोकने की समीक्षा
- जिन मरीजों में कोरोना के लक्षण दिखें उन्हें होम आइसोलेशन में
- रखते हुए इलाज किया जाए और उनकी निरन्तर मॉनीटरिंग की जाए
- कोमॉर्बिड मरीजों, बुजुर्गाें और बच्चों को संक्रमण से बचाने पर विशेष ध्यान दिया जाए, 60 वर्ष से अधिक लोगों का टीकाकरण प्राथमिकता से कराया जाना सुनिश्चित करें
- संक्रमण के दृष्टिगत आवश्यकतानुसार मिनी कंटेनमेन्ट जोन और कंटेनमेन्ट जोन बनाए जाने का विधिवत आदेश जारी हो
- जिन क्षेत्रों में संक्रमण तेजी से फैल रहा है वहां सैनिटाइजेशन और साफ-सफाई की पूरी व्यवस्था की जाए
- निगरानी समितियां और इंटीग्रेटेड कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर्स को पूरी तरह सक्रिय किया जाए, समस्त आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाने के निर्देश
- आई0सी0सी0सी0 में डॉक्टर्स का पैनल तैनात रहे और लोगों को टेली कन्सल्टेशन की सुविधा उपलब्ध कराए
- आरआरटी को और प्रभावी बनाया जाए, रैपिड रिस्पांस टीम जरूरत के मुताबिक मरीज को मेडिसिन किट अवश्य उपलब्ध कराएं
- टीके की उपयोगिता को देखते हुए जल्द से जल्द सभी पात्र लोगों का वैक्सीनेशन किया किया जाना सुनिश्चित किया जाए
झाँसी, 8 जनवरी 2022 (दैनिक पालिग्राफ)। प्रभारी जिलाधिकारी/ मुख्य विकास अधिकारी शैलेष कुमार ने कोविड संक्रमण के दृष्टिगत आईसीसीसी में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि सावधानी और सतर्कता ही कोविड नियंत्रण का आधार है। इस संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं। मास्क के प्रयोग, सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन इत्यादि से इस संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है।
उन्होंने कहा कि जिन मरीजों में कोरोना के लक्षण दिखें उन्हें होम आइसोलेशन में रखते हुए इलाज किया जाए और उनकी निरन्तर मॉनीटरिंग की जाए। कोमॉर्बिड मरीजों, बुजुर्गाें और बच्चों को संक्रमण से बचाने पर विशेष ध्यान दिया जाए, यदि वे संक्रमित हों तो उनके इलाज की प्रक्रिया मॉनीटर की जाए। उन्हें फौरन मेडिसिन किट उपलब्ध करायी जाए। संक्रमण के दृष्टिगत आवश्यकतानुसार मिनी कंटेनमेन्ट जोन और कंटेनमेन्ट जोन आदेश जारी करते हुए बनाया जाना सुनिश्चित किया जाए।
प्रभारी जिलाधिकारी ने आईसीसीसी में अधिकारियों के साथ बैठक लेते हुए कहा कि निगरानी समितियां और इंटीग्रेटेड कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर्स को पूरी तरह सक्रिय किया जाए। उन्होंने जनपद में कोविड-19 के बढ़ते केसों के दृष्टिगत टेस्टिंग सैंपलिंग में और टीम बढ़ाए जाने के निर्देश दिए, उन्होंने कॉन्टैक्ट ट्रेंसिंग में भी टीम बढ़ाते हुए प्रति टीम 100 टेस्टिंग का लक्ष्य निर्धारित करने को के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन लगभग 4500 टेस्टिंग की जानी है जिसमें 3000आरटीपीसीआर व 1500 एंटीजन टेस्टिंग शामिल है।
आईसीसीसी में बैठक लेते हुए प्रभारी जिलाधिकारी ने कहा कि निगरानी समितियां अपना कार्य प्रभावी ढंग से करें। गांवों में प्रधान के नेतृत्व में और शहरी वार्डाें में पार्षदों के नेतृत्व में निगरानी समितियां क्रियाशील रहें। निगरानी समितियां घर-घर संपर्क कर बिना टीकाकरण वाले लोगों की सूची जिला प्रशासन को उपलब्ध कराएं, ताकि उन्हें वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित किया जा सके। उन्होंने कहा कि जो भी प्रयास किए जाएं उनका अधिक से अधिक परिणाम प्राप्त हो इसे अवश्य सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने कहा कि आईसीसीसी में डॉक्टर्स भी तैनात रहें ताकि लोगों को टेली कन्सल्टेशन की सुविधा उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने कॉल सेंटर को प्रभावी ढंग से संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कॉल सेंटर में जल्द से जल्द स्टाफ उपलब्ध कराए जाने को कहा ताकि अधिक से अधिक लोगों को संपर्क किया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने आआरटी का और अधिक इस्तेमाल करने के निर्देश दिए और कहा कि मरीज के निरीक्षण के दौरान जरूरत के मुताबिक मेडिसिन किट उपलब्ध कराई जाए। कोविड के उपचार में उपयोगी जीवनरक्षक दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कर ली जाए।
प्रभारी जिलाधिकारी ने कहा कि टीके की उपयोगिता को देखते हुए जल्द से जल्द सभी पात्र लोगों का वैक्सीनेशन किया जाए, उन्होंने विशेष रूप से 60 वर्ष से अधिक लोगों को जल्द से जल्द वैक्सीन लगाए जाने के निर्देश दिए।
बैठक के दौरान अपर जिलाधिकारी संजय कुमार पाण्डेय, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल कुमार, एसीएमओ डा.एन के जैन, डॉ रवि शंकर, डा. महेंद्र कुमार, डॉ विजय श्री शुक्ला, डॉ अनुराधा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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