शुभम श्रीवास्तव
झाँसी, 9 अक्टूबर 2020 (दैनिक पालिग्राफ)। गुरुवार को पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के तत्वावधान में ईकोब्रिक्स को लेकर एक वर्चुअल बैठक सम्पन्न की गई। बैठक में पर्यावरण को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए ईकोब्रिक्स बनाने के बारे में जानकारी दी गईं।
बताते चलें कि उत्तर प्रदेश के जनपद झाँसी में गुरुवार शाम को वर्चुअल प्लेटफॉर्म ज़ूम के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के तत्वावधान में एक बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता पर्यावरण संरक्षण गतिविधि से झाँसी महानगर के संयोजक पंकज लवानिया ने सभी पदाधिकारियों को पर्यावरण से प्लास्टिक मुक्त बनाने हेतु ईकोब्रिक्स को लेकर अपने अपने क्षेत्र में कार्यक्रम चलाने के लिए निर्देशित किया।
उन्होंने बताया कि प्लास्टिक की समस्या दिन प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है। इसे सड़ने में हजारों साल का समय लग जाता है। जाहिर है कि पानी के लिए इस्तेमाल की जानी वाली बोतलों को लोग इधर-उधर फेंक देते हैं। लेकिन, वे शायद ही यह जानते होंगे कि इन्हें नष्ट होने में करीब 450 साल लग जाते हैं।
उन्होंने कहा कि प्लास्टिक न सिर्फ हमारे पर्यावरण के लिए हानिकारक है, बल्कि यह हमारे पारिस्थतिकी तंत्र को भी नुकसान पहुंचाता है। इसे जलाने से जहरीली गैस उत्पन्न होती है। यह एक गंभीर और चिंता का विषय है। लोग प्लास्टिक से जुड़ी चीजों को इतना खरीद और बेच रहे हैं जो पर्यावरण के लिहाज से बेहद खतरनाक है। अभी तक लगभग दो खरब टन से भी ज्यादा प्लास्टिक उत्पन्न की जा चुकी है और इसमें प्रतिदिन इजाफा होता चला जा रहा है। अब सवाल ये उठता है कि इसको रि-साइकिल करके किस तरह से इस्तेमाल में लाया जाए। उन्होंने कहा कि इसे करने के लिए पर्यावरण संरक्षण गतिविधि ने एक बड़ी मुहिम चलाई हैं, जो ईको ब्रिक का निर्माण है।
उन्होंने कहा कि इस निर्माण में प्लास्टिक की खाली बेकार बोतलों का उपयोग करके घर और दीवारी बनाई जा रही हैं। प्लास्टिक को कम करने का ये सबसे कारगर तरीका है। प्लास्टिक की इन खाली बोतलों में प्लास्टिक कचरा भरा जाता है। उसके बाद बोतलों को बंद करके ईंटों की जगह इस्तेमाल किया जाता है। प्लास्टिक की बोतलें ईंटों की तरह मजबूत और टिकाऊ होती हैं। ऐसा करके पर्यावरण को फायदा पहुंचाया जा सकता है। यह प्लास्टिक के कचरे के खिलाफ लड़ने में भी मददगार साबित होगा।
बैठक में पंकज लवानिया, गरिमा गुप्ता, मनोज पाठक, धीरज ढींगरा, शुभम श्रीवास्तव आदि पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के पदाधिकारी उपस्थित रहे।
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