शुभम श्रीवास्तव
लखनऊ, 25 मई 2020 (दैनिक पालिग्राफ)। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार श्रमिक कल्याण आयोग बनाने की तैयारी में है. योगी सरकार सभी श्रमिकों को प्रदेश में ही रोजगार के साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा की गारंटी देने की भी तैयारी कर रही है। प्रदेश में अन्य प्रदेशों से अब तक लगभग 25 लाख कामगार और श्रमिक आ चुके हैं। अब सरकार की योजना कामगार/श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) कल्याण आयोग के जरिए ही उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में कामगारों और श्रमिकों को रोजगार दिलाने की है।
योगी सरकार का दावा है कि देश और दुनिया के हर कोने में अपने कामगारों और श्रमिकों के साथ हर मौके पर प्रदेश सरकार खड़ी रहेगी। अन्य राज्यों से लौटने वाले हर एक कामगार और श्रमिक की स्किल मैंपिंग की जा रही है। सरकार की ओर से कहा गया है कि सामाजिक सुरक्षा की गारंटी मिलने पर ही अन्य राज्यों को आवश्यकता के अनुसार मैन पावर उपलब्ध कराई जाएगी।
सरकार ने हर कामगार और श्रमिक को बीमा की सुरक्षा देने की भी बात कही है। साथ ही यह भी कहा गया है कि प्रदेश में एक जनपद के कामगार और श्रमिक को दूसरे जनपद में रोजगार मिलने की स्थिति में उनके लिए आवास की व्यवस्था भी सरकार करेगी। स्किल मैपिंग के बाद ट्रेनिंग भी कराई जाएगी। इस दौरान श्रमिकों और कामगारों को ट्रेनिंग भत्ता भी दिया जाएगा।
बताया जाता है कि अब तक 14.75 लाख कामगारों और श्रमिकों की स्किल मैपिंग का काम पूरा कर लिया गया है। हालांकि, स्किल मैपिंग का कार्य अभी भी जारी है। स्किल मैपिंग के दौरान सबसे अधिक 151492 श्रमिक कामगार रियल एस्टेट सेक्टर के मिले। फर्नीचर और फिटिंग के 26989 टेक्निशियन, बिल्डिंग डेकोरेटर 26041, होम केयरटेकरों की संख्या 12633 है।
इसी तरह ड्राइवर 10000, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स के 4680 टेक्निशियन, होम एप्लायंस के 5884 टेक्निशियन, आटोमोबाइल टेक्निशियन की संख्या 1558 है. पैरामेडिकल और फार्मा के 596, ड्रेस मेकर 12103, ब्यूटिशियन 1274, हैंडिक्राफ्ट एंड कारपेट्स मेकर 1294 और सिक्योरिटी गार्डस की संख्या 3364 है।
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