अगर लागू हो गया होता असंगठित श्रमिक सिक्युरिटी एक्ट 2008 तो 8 करोड़ श्रमिक हो रहे होते लाभान्वित : भानू सहाय
शुभम श्रीवास्तव
झाँसी, 11 अप्रैल 2020 (दैनिक पालिग्राफ)। बुन्देलखंड निर्माण मोर्चा अध्यक्ष भानू सहाय में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को पत्र मेल कर आग्रह किया कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2008 में देश के 41 करोड़ असंगठित श्रमिको के लाभार्थ असंगठित लेबर सिक्योरिटी एक्ट 2008 बनाया था। 12 साल गुजर जाने के बाद भी उत्तर प्रदेश सरकार ने इस एक्ट को लागू नही किया गया है। 2008 में बने एक्ट को लागू किये जाने के लिए नियमावली समाजवादी सरकार ने 2016 में बनवाई जाना प्रारम्भ की थी जो वर्ष 2020 में अभी तक नही बन पाई है। अनेक बार बुन्देलखंड निर्माण मोर्चा ने आप मान्यवर को ज्ञापन भी दिए है। ये है सरकारों का असंगठित श्रमिको के प्रति नज़रिया दर्शाता है। उन्होंने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश सरकार ने 2008 के एक्ट को लागू कर दिया होता तो उत्तर प्रदेश के लगभग 8 करोड़ असंगठित श्रमिक जिसमे हॉकर, कुली, बीड़ी श्रीमिक, ठेले वाले, घरेलू कर्मकार, फुटपाथ व्यापारी, गेरेज कर्मकार, टैक्सी वा ऑटो चालक, किसान मजदूर, दुकानों पर काम करने वाले, धोबी, माली, दर्जी, मोची, सब्जी वाले, चाय वा चाट ठेला वाले, बुनकर आदि 47 वर्ग के श्रमिक शामिल है लाभान्वित होने लगते एवं कोरोना वायरस के कारण किये गए लॉक डाउन के चलते फाके को मजबूर नही हुए होते एवं कर्जदार नही बनते। उन्होंने कहा कि जिस- जिस प्रदेश में यह एक्ट लागू है उन सभी प्रदेशो में असंगठित श्रमिको को उनके खातों मे रु. एवं राशन फ्री मिल रहा है । आनन फानन में असंगठित श्रमिको का व्हाट्स ऐप के जरिये किया जाने वाला पंजीकरण ऊंट के मूह में जीरा साबित हो रहा है। उत्तर प्रदेश के बुन्देलखंड क्षेत्र में लगभग 60 से 70 लाख के ऊपर असंगठित श्रमिक है जो बदहाली के कगार पर खड़ा है। उन्होंने कहा कि झांसी जनपद में ही लगभग 7 लाख असंगठित श्रमिक है जिसमे मात्र 23000 श्रमिको के खातों में 1000रु. डालकर आंख में धूल नही झोंकी जा सकती।
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