शुभम श्रीवास्तव
झांसी, 6 मार्च 2020 (दैनिक पालिग्राफ)। बी.यू. के ललित कला संस्थान बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी द्वारा खजुराहो की कलात्मक धरोहर विषय पर आधारित दो दिवसीय संगोष्ठी के उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि के रुप में पधारे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जे.वी. वैषम्पायन ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि चंदेल कालीन खजुराहो के मंदिर मूर्तिकला के उत्कृष्ट उदाहरण हैं। तत्कालीन शिल्पियों द्वारा मूर्तियों को विभिन्न भाव भंगिमाओं में उकेर कर जीवंत स्वरूप प्रदान किया। उन्होंने संस्थान के विद्यार्थियों को कला के प्रति लगन एवं चिंतन पर जोर देने का आग्रह किय।
इस अवसर विशिष्ट अतिथि प्रो.सी. सिंह, अधिष्ठाता कला संकाय बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी ने छात्रों को खजुराहो मंदिर के उत्कीर्ण एवं मूर्तिषिल्प की विशेषताओ से अवगत कराते हुए वहां प्रदर्शित मूर्तियों पर प्रकाश डालते हुए विभिन्न अप्सराओं की भाव भंगिमाओं के बारे में जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम में उपस्थित डा. मधुबाला श्रीवास्तव, इतिहासकार डा. चित्रगुप्त एवं अनिल कुमार सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए शोधपरख जानकारियां प्रदान की।
इस अवसर पर कुलपति ने संस्थान के छात्रों द्वारा खजुराहो भ्रमण पर गए 40 विद्यार्थियों
एवं शिक्षकों द्वारा चित्रित चित्रों एवं छाया चित्रों की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया इस अवसर पर एक
विवरिणिका का भी विमोचन किया गया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. श्वेता पांडेय ने किया जबकि आमंत्रित अतिथियों का आभार डॉ. अजय कुमार गुप्ता, द्वारा व्यक्त किया गया। इस अवसर पर डॉ. सुनीता, दिलीप कुमार, जयराम कुटार,
मुकुल वर्मा, आरती वर्मा अजय राव, संजीव गुप्ता, ब्रजेश पाल, माधवी निराला, रेखा आर्या सहित संस्थान
के विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। समन्वयक डा.पाण्डेय ने जानकारी दी कि सात मार्च 2020 को प्रदर्शनी के समापन के अवसर पर शोध पत्र प्रस्तुत करने वाले शोधार्थियों एवं खजुराहो भ्रमण पर गए विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे।
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