शुभम श्रीवास्तव
13 मार्च 2020 (दैनिक पालिग्राफ)। रंग पंचमी होली का एक रूप है, जिसे चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। रंग पंचमी का यह त्यौहार देवी-देवताओं को समर्पित होता है और इसे धनदायक भी माना जाता है। कई जगहों पर इस त्यौहार को श्री पंचमी भी कहा जाता है।
रंग पंचमी खासतौर पर महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में मनाया जाता है। रंगपंचमी में होली की तरह रंगों से खेलने की परंपरा है। ऐसी मान्यता है कि रंग पंचमी के दिन जो रंग लोग इस्तेमाल करते हैं या फिर हवा में रंगों को उड़ाते हैं, उससे देवी-देवता आकर्षित होते हैं। तो चलिए आपको इस लेख के द्वारा रंग पंचमी से जुड़ी और भी रोचक बाते बताते हैं -
क्यों मनाते हैं रंग पंचमी?
रंग पंचमी त्यौहार का इतिहास काफी पुराना है। पुराने समय में होली का त्यौहार कई दिनों तक मनाया जाता था। उस समय रंगपंचमी होली का अंतिम दिन माना जाता था और इस दिन के बाद कोई भी रंग नहीं खेलता था। ऐसी मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से पूजा-पाठ करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं। इस दिन पूजा करने से कुंडली में मौजूद बड़े से बड़ा दोष भी काफी हद तक कम हो जाता है।
महाराष्ट्र की रंग पंचमी
महाराष्ट्र में होली के बाद पंचमी के दिन रंग खेलने की परंपरा है। यहां रंग वाली होली यानि धुलंडी से लेकर पंचमी तिथि तक जमकर होली खेलते हैं और रंग पंचमी इस पर्व का आखिरी दिन होता है। इस दिन लोग रंग खेलने के लिए सूखे गुलाल का इस्तेमाल करते हैं। साथ ही खास प्रकार के भोजन भी बनाए जाते हैं, जिसमें पूरनपोली अवश्य होती है। ऐसा माना जाता है कि मछुआरों के लिए यह दिन बेहद खास होता है। वह इस दिन नाचते, गाते और खूब मस्ती करते हैं। रंग पंचमी के दिन जगह-जगह पर दही-हांडी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं, इस दौरान महिलाएं मटकी फोड़ने वालों पर रंग फेंकती हैं। जो भी मटकी फोड़ने में सफल होता है उसे पुरस्कार दिया जाता है।
राजस्थान में रंग पंचमी
राजस्थान में रंग पंचमी के दिन खासतौर से जैसलमेर में यह त्यौहार धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन जैसलमेर के मंदिरों में लोकनृत्यों में डूबा वातावरण देखने को मिलता है। रंग पंचमी के दिन लोग हवा में नारंगी और फिरोजी रंग उड़ाते हैं।
इंदौर में रंग पंचमी
मध्यप्रदेश के नगर इंदौर में रंग पंचमी को पारंपरिक रूप से मनाया जाता है। इस दिन पूरे शहर में धूम-धाम से गाजे-बाजे के साथ जुलूस निकाला जाता है और लोग एक दूसरे को रंग लगाते हैं। बता दें इस जुलूस को वहां के स्थानीय लोग “गेर” कहते हैं। इस जुलूस में सभी धर्म व जाति के लोग हिस्सा लेते हैं। पूरा इंदौर इस दिन अलग-अलग रंगों में रंगा नजर आता है।
रंग पंचमी के दिन जरूर करें ये काम:
-रंग पंचमी के दिन जल में गंगाजल डालकर मुंह-हाथ जरूर धोना चाहिए।
-मां लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है, इसलिए धन लाभ के लिए इस दिन मां लक्ष्मी को गुलाब के फूल अवश्य चढ़ाएं।
-माँ को फूल अर्पित करने के बाद घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से माँ जल्दी प्रसन्न होती हैं।
’-मां लक्ष्मी के सामने रंग पंचमी वाले दिन फूलों की अगरबत्ती जलाएं।
-मां लक्ष्मी को सफेद चीजें पसंद है, इसलिए इन्हें सफेद मिठाई का भोग लगाएँ।
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