शुभम श्रीवास्तव
झांसी, 24 फरवरी 2020 (दैनिक पालिग्राफ)। बुन्देलखण्ड का हृदय एवं रानी लक्ष्मी बाई की कर्म भूमि झांसी अब अपनी पहचान को नया विस्तार देने जा रही है। साहित्य के मानचित्र में अब झांसी की अलग पहचान होगी। वृन्दालाल वर्मा और मैथलीशरण गुप्त की कलम की साक्षी एवं मैत्रयी पुष्पा के साहित्य से सिंचित झांसी में 28 फरवरी से 1 मार्च तक ‘बुन्देलखण्ड साहित्य महोत्सव-2020’ का आयोजन हिन्दी विभाग, बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झांसी एवं बुन्देलखण्ड लिटरेचर फेस्टिवल सोसायटी के संयुक्त तत्वाधान में क्राफ्ट मेला ग्राउंड में किया जाएगा। आयोजन के संयोजक डाॅ. पुनीत बिसारिया ने बताया कि इस आयोजन के पीछे का उदेश्य बुन्देलखण्ड कि संस्कृति को विस्तार देने एवं आमजनमानस में इसकी प्रति उदासीनता को दूर करना है। साहित्य पर केंद्रित इस महोत्सव में अन्य विधाओं को भी समय देने का प्रयास किया गया है। बुन्देली साहित्य के विशेष संदर्भ में भाषा, इतिहास, ललित कला, सिनेमा, स्त्री विमर्श, सोशल मीडिया, वेब मीडिया आदि विषयों पर परिचर्चा आयोजित की जायेगी। इसमें झांसी और अन्य क्षेत्र के नामचीन साहित्यकारों से संवाद करने के साथ ही उनसे मिलने का मौका मिलेगा। कई बेस्ट सेलर लेखकों ने आने की सहमति प्रदान की है। आयोजन समिति की वरिष्ठ सदस्य एवं महोत्सव में होने वाली प्रतियोगिताओं की संयोजक डाॅ. नीति शास्त्री ने बुन्देलखण्ड की कला, संस्कृति, इतिहास, नाटक, संगीत, व्यंजन, खेल आदि को प्रोत्साहित एवं स्थापित करने हेतु यह अनुठी पहल है। इस अवसर पर बुन्देलखण्ड को जानो, मेंहदी, रंगोली, बुन्देली संस्कृति पर आधारित चित्रकला प्रतियोगिता, बुन्देली परिधान आधारित बेबी शो एवं वधु सज्जा के साथ ही पहली बार महिलाओं के लिये रस्सी कुद जैसी अनेक प्रतियोगिताएं आयोजित की जायेंगी। आयोजन की सांस्कृतिक समन्वयक डाॅ. रेखा लगरखा ने बताया कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शास्त्रीय कथक नृत्य, बरेदी लोकनृत्य, राई लोकनृत्य, फोक आॅरकेस्ट्रा, कछियाई लोकगीत एवं लोकनृत्य, हरदौल नाटक, ढिमरयाई, गोटे, स्वांग टेसु मामुलिया की प्रस्तुतियां की जाएंगी। आयोजन सचिव चंद्र प्रकाश सिंह ने बताया की क्राफ्ट मेला ग्राउंड में कई विभागों, कंपनियों एवं हस्तशिल्पियों के स्टाल, फुड कोर्ट, मिक हाउस, जम्पिंग जैक, लैदर वर्क आदि के अनेक स्टाल भी लगाये जांयेगे। बुन्देलखण्ड के किसानों के लिये किसान गोष्ठी के साथ ही समकालीन साहित्य, कला, संस्कृति एवं मीडियाः चुनौतियां एवं संभावनाएं विषय पर सेमिनार का आयोजन भी किया जायेगा। इस अवसर पर डाॅ. धन्नुलाल गौतम, वरिष्ठ साहित्यकार मुकुंद मेहरोत्रा, सर्वेश दीक्षित, सी.पी, तिवारी, योगीता यादव, प्रो प्रतीक अग्रवाल, डाॅ. डी.के. भट्ट, डाॅ कौशल त्रिपाठी, इं राजकुमार सिंह, राम कुटार, अतुल दीक्षित, श्रीहरि त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे।
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