शुभम श्रीवास्तव
झांसी, 24 फरवरी 2020 (दैनिक पालिग्राफ)। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जे. वी. वैशम्पायन ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना के शिविरों के माध्यम से स्वयंसेवकों में सहभागिता, भाईचारा तथा समन्वय की भावना का विकास होता है। उन्होंने कहा कि इन शिविरों के माध्यम से स्वयंसेवक रचनात्तमक शैक्षणिक सौहार्दपूर्ण कार्यक्रमों से राष्ट्रीय भावना का विकास करें। प्रो. वैशम्पायन आज बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय झांसी के राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा आयोजित सात दिवसीय राष्ट्रीय एकीकरण शिविर के उद्घाटन अवसर पर स्वयंसेवकों को संबोधित कर रहे थे। कुलपति ने आशा व्यक्त की कि इस शिविर में स्वयंसेवक किसी एक काम को अपने हाथ में लेंगे और उसे पूर्ण रुप प्रदान करेंगे। जिसमें सफाई या जल संरक्षण कार्य भी शामिल किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार के शिविर स्वयंसेवकों के जीवन में गुणात्मक परिवर्तन लाने में सहायक सिद्ध होते हैं। इसके साथ ही साथ विभिन्न प्रांतों से आए हुए स्वयंसेवकों से वार्तालाप करके हम उनकी संस्कृति और सभ्यता को भी सीख सकते हैं।
विश्वविद्यालय के प्रवेश प्रकोष्ठ के समन्वयक प्रो. प्रतीक अग्रवाल ने कहा कि इस प्रकार के शिविर स्वयंसेवकों के चारित्रिक निर्माण में सहायक सिद्ध होते हैं। ये शिविर स्वयंसेवकों को एक मंच प्रदान करते हैं जिससे वे अपनी प्रतिभा को निखार सकते हैं।
मुख्य कुलानुशासक प्रो. आर. के. सैनी ने शिविर के आयोजकों को बधाई देते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय में शायद पहली बार हो रहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना विशेष शिविर के अन्तर्गत राष्ट्रीय एकीकरण शिविर का आयोजन कर रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में एनएसएस के द्वारा किए जा रहे कार्य अनुकरणीय है और भविष्य में भी ऐसे आयोजन एनएसएस करता रहे।
राष्ट्रीय सेवा योजना बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के समन्वयक डाॅ. मुन्ना तिवारी आमंत्रित अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यøम की रुपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में 17 प्रदेशों से स्वयंसेवक सहभागिता कर रहे हैं। यह विश्वविद्यालय का पहला राष्ट्रीय एकीकरण शिविर है जिसमें देश के लगभग 500 स्वयंसेवक प्रतिभाग कर रहे हैं।
वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ मोहम्मद नईम ने स्वयंसेवकों से स्वच्छता के प्रति जागरूक रहने की बात कही है और बताया की पर्यावरण का ध्यान रखना हमारा परम कर्तव्य है। इस कार्य को आगे ले जाना सभी स्वयंसेवकों की जिम्मेदारी है।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र के समक्ष पुष्पार्चन, माल्यार्पण तथा दीप प्रज्जवलन से हुआ। मंचीसीन अतिथियों को गणतंत्र दिवस परेड में सम्मिलित स्वयंसेविका चाॅदनी, निशांत पुरोहित, एनएसएस की योग ब्रांड अंबेस्डर नितिका भारद्वाज तथा राष्ट्रीय युवा महोत्सव में प्रतिभाग कर चुके स्वयंसेवक राहुल गुप्ता, रिचा राठौर ने स्मृति चिह्न भेंट किए।
इस उद्घाटन सत्र में आर्य कान्या महाविद्यालय की छात्राओं ने हरयाणवी नृत्य जबकि स्वामी विवेकानंद डिग्री काँलेज के स्वयंसेवकों ने चरकुला तथा ढिमरियाई नृत्य की प्रस्तुति की।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ यतीन्द्र मिश्र, डॉ. जितेन्द्र बवेले, डाॅ. फुरकान मलिक, डाॅ. श्वेता पाण्डेय, डाॅ. उमेश कुमार, डाॅ. शिल्पा मिश्रा, डाॅ. अजय कुमार गुप्ता, डाॅ. श्रीहरि त्रिपाठी, फरहान अहमद, हर्ष जैन उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ कार्यøम अधिकारी डाॅ. मुहम्मद नईम ने किया और आभार डाॅ. अनुपम व्यास ने किया।
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