बजट 2020: नए टैक्स स्लैब को लेकर हैं भ्रमित तो समझें पूरा गणित...


शुभम श्रीवास्तव
नई दिल्ली, 2 फरवरी 2020 (दैनिक पालिग्राफ)। मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का दूसरा आम बजट पेश कर दिया है। इस बजट के साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए इनकम टैक्स स्लैब का ऐलान कर दिया है। नया इनकम टैक्स स्लैब वैकल्पिक होगा, लेकिन लोग अभी भी इस नए स्लैब को लेकर असमंजस में हैं। 
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण में बजट भाषण में ऐलान किया कि 2.50 लाख रुपये की आमदनी पर पूरी तरह से आयकर छूट है। 2.50-5 लाख रुपये तक की आय पर 5 फीसदी टैक्स का प्रावधान है, हालांकि इसमें भी सरकार रीबेट देती है जिससे ये पूरी तरह से टैक्स फ्री हो जाता है। 5 से 7.50 लाख रुपये तक आमदनी वालों को अब 10 फीसदी टैक्स देना होगा। 7.50 लाख से 10 लाख रुपये तक की इनकम पर अब 15 फीसदी टैक्स होगा।
वहीं, 10 से 12.50 लाख रुपये तक की आमदनी वालों को 20 फीसदी टैक्स देना पड़ेगा। इसके अलावा 12.50 लाख से 15 लाख रुपये की आमदनी वालों को 25 फीसदी टैक्स देना होगा। वहीं जिनकी आमदमी 15 लाख रुपये से ज्यादा है, ऐसे लोगों को 30 फीसदी टैक्स देना होगा।
क्या है पुराना टैक्स स्लैब?
पुराने टैक्स स्लैब के मुताबिक 2.5 लाख रुपये तक कोई आयकर नहीं देना होता। 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक 5 फीसदी इनकम टैक्स था और इसमें भी रीबेट मिलता था। 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक की आय पर 20 फीसदी इनकम टैक्स लगाया जाता था। इसके अलावा 10 लाख रुपये से ज्यादा की आय पर 30 फीसदी आयकर देना होता था। हालांकि दोनों इनकम टैक्स सिस्टम में से करदाता एक को चुन सकते हैं।
वहीं, वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि जो टैक्सपेयर्स डिडक्शन और छूट का फायदा नहीं लेंगे, उन्हें ही इनकम टैक्स के नए रेट का फायदा मिलेगा। कुल मिलाकर 70 रिबेट छोड़ने के बाद नए टैक्स सिस्टम का फायदा मिलेगा। जानकार बताते हैं कि नए टैक्स स्लैब से करदाताओं को टैक्स सिस्टम में इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी, 80डी, 24 के तहत मिलने वाली सभी छूट का फायदा खत्म हो जाएगा।
कौन सी मिलती है छूट?
दरअसल, नए टैक्स स्लैब के मुताबिक टैक्स की दर कम लगेगी लेकिन इसमें कोई छूट नहीं मिलेगी। हालांकि पुराने टैक्स स्लैब में टैक्स छूट मिलेगी। अभी तक 80सी के तहत एलआईसी, पीपीएफ, एनएससी, यूलिप, ट्यूशन फीस, म्यूचुअल फंड ईएलएसएस, पेंशन फंड, होम लोन, बैंकों में टर्म डिपॉजिट, पोस्ट ऑफिस में 5 साल के डिपॉजिट और सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करके लोग टैक्स छूट का फायदे उठाते हैं। लेकिन नए टैक्स स्लैब में ये छूट नहीं मिलेगी। इसके अलावा 80डी के तहत हेल्थ इंश्योरेंस पर भी टैक्स छूट नहीं मिलेगी। ऐसे में उदाहरण के तौर पर नए और पुराने टैक्स स्लैब के अंतर को ऐसे समझा जा सकता है।
7.5 लाख रुपये सालान आय हो तो कितना लगेगा इनकम टैक्स?
वहीं, अगर सालाना इनकम 7.5 लाख रुपये है और वह 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये, 80डी या एनपीएस दोनों में से किसी एक को चुनकर 50 हजार की अधिकतम छूट, स्टैंडर्ड डिडक्शन 50 हजार रुपये और होमलोन इंटरेस्ट पर 2 लाख की छूट ली है तो कुल छूट 4.5 लाख रुपये हो जाती है, तो टैक्सेबल इनकम 3 लाख रुपये होगी। जिसके तहत कोई टैक्स नहीं लगेगा। लेकिन नए टैक्स स्लैब के तहत 4 फीसदी सेस के साथ 39000 रुपये टैक्स बनता है।
वहीं, 7.5 लाख रुपये की सालाना इनकम वाला शख्स अगर सिर्फ 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये की छूट लेता है तो उसकी टैक्सेबल इनकम 6 लाख रुपये होगी। ऐसे में उसे 33800 रुपये टैक्स के तौर पर देना होगा।
10 लाख रुपये सालाना आय हो तो कितना लगेगा इनकम टैक्स?
अगर करदाता की सालाना इनकम 10 लाख रुपये है और वह कुल छूट 4.5 लाख रुपये की लेता है तो ऐसे में टैक्सैबल इनकम 5.5 लाख रुपये बनती है। जिस पर पुराने टैक्स स्लैब में 4 फीसदी सेस के साथ 23400 रुपये का टैक्स बनता है। लेकिन नए टैक्स स्लैब में करदाता को 78000 रुपये का टैक्स देना होगा। हालांकि अगर 10 लाख रुपये की सालाना इनकम वाला अगर सिर्फ 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये की छूट लेता है तो उसकी टैक्सेबल इनकम 8.5 लाख रुपये होगी। ऐसे में उसे 85800 रुपये का टैक्स देना होगा।
12.5 लाख रुपये सालाना आय हो तो कितना लगेगा इनकम टैक्स?
वहीं, अगर सालाना आय 12.5 लाख रुपये है और सिर्फ 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये की छूट लेता है तो पुराने स्लैब में टैक्सेबल इनकम 11 लाख होगी। ऐसे में 148200 रुपये का टैक्स बनेगा। वहीं नए स्लैब के हिसाब से 12.5 लाख की टैक्सेबल इनकम पर 1.30 लाख रुपये का टैक्स बनेगा।


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