शुभम श्रीवास्तव
चेन्नई, 09 फरवरी 2020, (दैनिक पालिग्राफ)। एमएसएमई के लिए वित्त मंत्रालय विशेष केंद्र बनाने जा रहा है, इस विशेष केंद्र पर ई-मेल के जरिए आप कर सकेंगे शिकायत। अगर बैंकों ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को बिना किसी ठोस कारण, लोन देने से मना किया तो इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
दरअसल, वित्त मंत्रालय एक विशेष केंद्र बनाने जा रहा है। इस केंद्र पर एमएसएमई ई-मेल के जरिए अपनी शिकायतें दर्ज करा सकेंगे। एमएसएमई के शिकायत की एक कॉपी बैंक मैनेजर को भी भेजी जाएगी। इस विशेष केंद्र की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बिना किसी वजह के बैंक एमएसएमई को लोन देने से इनकार नहीं कर सकता है। इस विशेष केंद्र की जल्द ही घोषणा की जानी है।
वित्त मंत्री के मुताबिक देश में विदेशी मुद्रा भंडार और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) अब तक के सबसे उच्च स्तर पर है। निर्मला सीतारमण ने विश्वास जताया कि भारत आठ फीसदी की वृद्धि पर वापस पहुंच जाएगा और इसके लिए प्रयास हो रहा है। इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया था कि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स पर निर्णय के लिए उनका मंत्रालय एक साल और इंतजार करेगा। एलटीसीजी समाप्त नहीं करने को लेकर आलोचनाओं के बीच उन्होंने यह बात कही। ये वह टैक्स होता है जो निवेश पर मिलने वाले मुनाफे पर लगाया जाता है।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि एलटीसीजी को 2018 में पेश किया गया और वह बाजार में उतार- चढ़ाव के कारण इसको लेकर उपयुक्त आकलन नहीं कर सकी हैं। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने डिविडेंड डिस्ट्रिब्यूशन टैक्स को लेकर भी स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने कहा कि अब डिविडेंट पर लगने वाला टैक्स कंपनी के बजाय निवेशकों को देना होगा।
एफआरडीआई बिल पर हो रहा काम
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि विवादित वित्तीय समाधान एवं जमा बीमा बिल पर काम हो रहा है। उन्होंने बताया कि इस बिल पर काम चल रहा है लेकिन अभी यह तय नहीं है कि इसे संसद में कब पेश किया जाएगा। इस बिल के तहत जमाकर्ताओं को बैंकों में जमा रकम पर अब 5 लाख रुपये की इंश्योरेंस गारंटी मिलेगी। अभी जमाकर्ताओं को अधिकतम 1 लाख रुपये की राशि की गारंटी मिलती है। मतलब ये कि बैंक के डूबने की स्थिति में भी आपको 5 लाख रुपये अनिवार्य रूप से मिलेगा।
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