शुभम श्रीवास्तव
झांसी, 22 फरवरी 2020 (दैनिक पालिग्राफ)। शिक्षक भगवान से बड़ा होता है, आप कर्म के प्रति समर्पित हैं तो आपका सम्मान होगा। शिक्षा में गुणवत्ता लाना जरूरी है। बच्चों में शिक्षा का स्वाद पैदा करें, शिक्षा के प्रति लगाव पैदा करें। यदि मन के अंदर क्वालिटी नहीं है तो शिक्षा सुधार नहीं होगा। हिंदुस्तान आज भी गांव में रहता है, शिक्षा होने देनी है जिन्हें शिक्षा सुलभ नहीं है इसके लिए आपको नियमित स्कूल जाना होगा। सरकार द्वारा सारी आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध है, परंतु शिक्षा में सुधार नहीं है। यह एक यक्ष प्रश्न है। इसका उत्तर आप सभी के पास है, बस इच्छाशक्ति की जरूरत है। यह उद्गार मंडलायुक्त सुभाष चंद शर्मा ने मिशन प्रेरणा के अंतर्गत मंडलीय गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए होटल झांसी सभागार में उपस्थित शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मध्य व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि कार्यशाला से आज तरोताजा होकर जाएं और शिक्षा सुधार मे जुट जाये। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा शिक्षा विभाग को सबसे ज्यादा बजट दिया जाता है फिर भी सुधार नहीं है। आप स्वयं मंथन करें।
मिशन प्रेरणा मण्डलीय गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए मण्डलायुक्त सुभाष चन्द्र शर्मा ने कहा कि प्रेरणा एक अच्छी पहल है। इसमें शिक्षक छात्रों की उपस्थिति, मूलभूत सुविधाएं, शिक्षास्तर सहित सभी को मिलाकर इसे बनाया है। यह समग्र विकास का माडयूल है। इसका उद्देश्य है कि शिक्षा में सुधार हो, शिक्षा गुणक्तायुक्त हो। शिक्षा में सुधार आना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदी बोलना भी सिखा देती है, आप अक्षर ज्ञान करा दें। आज लक्ष्य हैं जिन्हें शिक्षा सुलभ नहीं है उन्हे गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने की। आज भी हिंदुस्तान गांव में रहता है। ग्रामीण परिवेश के बच्चों को उनके गांव में ही शिक्षित करना है। उन्होंने कहा कि जैसे बादल सभी को समान पानी देते हैं ठीक वैसे ही शिक्षक सभी बच्चों को समान शिक्षा देता है, परंतु जो कमजोर है उन्हें आगे बढ़ाएं। मंडलायुक्त ने बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन देने के लिए उदाहरण देते हुए कहा कि कंगारू केयर से बढ़कर बच्चों की और कोई केयर नहीं है। ठीक इसी प्रकार आप भी समय से स्कूल जाएं। अभिभावकों के साथ मीटिंग करें, बच्चों के घर जाएं। यह बेसिक काम करें तो गुणवत्ता सकेगी। उन्होंने प्रेरणा एक ऐसा मॉडयूल है जिसमें तरह-तरह की नगों को लगाया गया है। शिक्षा में गुणवत्ता लाना जरूरी है। प्लेटफार्म तैयार है आप बच्चों में शिक्षा के प्रति लगाव पैदा करें, उन्हें अच्छा नागरिक बनाएं।
गोष्ठी में मुख्य अतिथि अपर राज्य परियोजना निदेशक स्कूल शिक्षा सत्येंद्र कुमार ने बताया कि प्रदेश में यह पांचवीं मंडलीय गोष्ठी का उद्देश्य प्रेरणा में जो भ्रान्तियाँ है उन्हें दूर करना है। प्रेरक के स्वरूप को सही दिखाया जाना गोष्ठी में संभव है। मिशन प्रेरणा शिक्षा की गुणवत्ता के लिए है सरकारी स्कूलों में शिक्षा बेहतर हो। शिक्षा स्तर में सुधार हो इसलिए वैज्ञानिक तरीके से एप् बनाया है। उन्होंने कहा कि अध्यापकों को प्रशिक्षण नहीं दिया गया जिस कारण शिक्षा स्तर में सुधार नहीं है। शिक्षण पद्धति को सुधारना है। उन्होंने मिशन प्रेरणा हेतु निर्धारित लक्ष्य की जानकारी दी और कहा कि यदि सभी बच्चे लर्निंग आउटकम को प्राप्त कर लेते हैं तो उस स्कूल को प्रेरक घोषित कर सकते है यदि ब्लॉक के सभी स्कूल अपने लर्निंग आउटकम को प्राप्त कर लेते हैं तो ब्लॉक प्रेरक घोषित होगा। इसी प्रकार जिला भी लर्निंग आउटकम को प्राप्त कर लेते हैं तो प्रेरक घोषित हो सकता है।
मिशन प्रेरणा मंडलीय गोष्ठी में अपर राज्य परियोजना निदेशक उत्तर प्रदेश ने मिशन प्रेरणा हेतु लक्ष्य की जानकारी देते हुए ऑपरेशन कायाकल्प के विषय में बताया कि ग्राम पंचायतों में 14वें वित्त आयोग और राज्य वित्त आयोग से प्राप्त धनराशि से वरीयता के आधार पर परिषदीय विद्यालयों में आधारभूत आस्थापना सुविधाओं हेतु 10 मानक से संतृप्त करने के लिए अभियान गतिमान है। उन्होंने क्वालिटी फ्रेमवर्क के विषय में कहा कि शिक्षण अधिगम स्तर में व्यापक सुधार लाने हेतु नियमित अंतराल पर आंकलन एवं परीक्षाएं आयोजित कराना होगा। सहयोगात्मक, पर्यवेक्षण, निष्ठा कार्यक्रम, दीक्षा, मानव संविदा मॉडल, एसएमसी गतिविधियां, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, लाइब्रेरी, स्पोर्ट्स, विद्यालयों में संविलियन, इंग्लिश मीडियम स्कूल तथा विद्यालय एवं छात्र संख्या पर कार्य करना होगा ताकि शैक्षिक स्तर में सुधार होगा। उन्होंने मिशन प्रेरणा की सफलता के लिए सुझाव दिया कि प्रशासन का केंद्र बिंदु हो मिशन प्रेरणा तो सफलता सुनिश्चित होगी। जिलाधिकारी सहयोग करें, नियमित समीक्षा बैठक करें तो वह दिन दूर नहीं जब उत्तर प्रदेश प्रेरक प्रदेश बन जाएगा।
मिशन प्रेरणा गोष्ठी में जिलाधिकारी झांसी ने कहा कि व्यक्तिगत प्रयास से सफलता मिलती है। मिशन प्रेरणा में जो कार्य हो रहे हैं वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि निजी स्कूल आपके स्कूल से बेहतर नहीं है, फिर भी उनमें शिक्षा गुणवत्ता परक है। जबकि आपके स्कूल में सारी सुविधाएं हैं, परंतु शिक्षा बेहतर क्यों नहीं है? उन्होंने कहा कि प्रति बच्चे पर 72 हजार रुपए में हो रहे हैं इतना खर्च करने के बाद भी शिक्षा में सुधार नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा सुधार में भी विद्युत सुधार तथा स्वास्थ्य सेवाओं की तरह कार्य करने की जरूरत है ताकि शिक्षा गुणवत्ता पर हो सके। उन्होंने जनपद में स्कूलों के सुधार हेतु जो कार्य कराए गए जानकारी देते हुए कहा कि सीएसआर से जिले के काफी स्कूलों में अनेक कार्य कराए हैं, उन्हें मॉडल स्कूल बनाया है। उन्होंने बताया कि जल्द ही ओएनजीसीध्गेल भी स्मार्ट क्लासेज बनाने के कार्य प्रारंभ करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि जज्बा हो तो काम होता है।जिलाधिकारी श्री शिव सहाय अवस्थी ने कहा नन्हा कलाम आइडिया को प्रदेश स्तर पर सराहे जाने पर डीएम जालौन की प्रशंसा की और कहा कि शिक्षा व्यक्ति को महान बनाती है।
जिलाधिकारी जालौन डॉक्टर मन्नार अख्तर ने कहा कि मिशन प्रेरणा एक अच्छी सोच है। स्वास्थ्य, शिक्षा व मूलभूत आवश्यकताओं के साथ आगे आना होगा। बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन मिले। उन्होंने कहा कि हमें कार्यशैली को बदलना होगा।शिक्षा में गुणवत्ता का समय आ गया है। हमें आगे जाना है भारत में शिक्षा का विकास हो रहा है। शिक्षा रूपी बाढ़ से परिवर्तन आ रहा है इससे रूढ़िवादी मानसिकता बह जाएगी। उन्होंने कहा कि परिवर्तन तय है यदि हम सहयोगी रहे तो आगे रहेंगे अन्यथा बह जाएंगे। जनपद में शिक्षा सुधार के कार्यों की बिंदुवार जानकारी दी।
गोष्ठी में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी झांसी हरिवंश कुमार तथा जालौन के एबीएसए आनंद भूषण ने जनपद में मिशन प्रेरणा के अंतर्गत कराए गए कार्यों की बिंदुवार जानकारी दी।
मंडलीय गोष्ठी के द्वितीय सत्र में राज्य परियोजना लखनऊ से आए विशेषज्ञों द्वारा पावर पॉइंट के माध्यम से जानकारी दी गई।
गोष्ठी मे आये समस्त अतिथियो का अभार एडी बेसिक जी एस राजपूत ने व्यक्त किया।
इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे, एसडीएम संजीव कुमार मौर्य, वित्त एवं लेखाधिकारी दीपक श्रीवास्तव, आर के सिंह सहित मण्डल के समस्त शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
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