हाल ही में लोकसभा में नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 प्रस्तुत किया गया, इस बिल के द्वारा नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन किया जायेगा।
मुख्य बिंदु
-इस बिल के द्वारा बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के प्रताड़ित हिन्दू, जैन, सिख, इसाई, बौद्ध तथा पारसी नागरिकों को भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी।
-यह बिल देश के सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों पर लागू होगा, इस बिल के लाभार्थी व्यक्ति देश की किसी भी भाग में रह सकते हैं।
-इस बिल के द्वारा उन लोगों को काफी राहत मिलेगी जो पड़ोसी देशों से आकर गुजरात, राजस्थान, दिल्ली मध्य प्रदेश इत्यादि राज्यों में रह रहे हैं।
-रिपोर्ट के अनुसार प्रताड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए सरकार 31 दिसम्बर, 2014 को कट ऑफ डेट निश्चित कर सकती है।
-नागरिकता अधिनियम, 1955 अवैध आप्रवासियों को या तो जेल में भेजा जा सकता है अथवा उन्हें उनके देश में वापस भेजा जा सकता है।
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