झांसी, 21 नवम्बर 2019 (दैनिक पालिग्राफ)। प्रदूषण एवं पराली जलाए जाने पर कोई कार्रवाई न करने पर जिम्मेदार उच्च अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ठंड से गोवंश की मौत न हो, आश्रय स्थलों और व्यवस्था कर ली जाए तथा गोवंश खेत व सड़कों में दिखाई ना दे। प्रदेश में डेंगू की अभी की भी संभावना है। अतः समस्त विभाग आपसी समन्वय से डेंगू की रोकथाम हेतु कार्य करें तथा लोगों को डेंगू से बचने के उपायों की जानकारी दें। फुटपाथ एवं खुले में कोई सोता ना पाया जाए। यदि उसके पास व्यवस्था नहीं है तो उसे रैन बसेरा में पहुंचाया जाए। पराली जलाया जाना अपराधिक कृत्य है। यह निर्देश मुख्य सचिव आर के तिवारी ने लोक भवन स्थित अपने कक्ष से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समस्त मंडलायुक्त व जिलाधिकारियों सहित अन्य विभागों के अधिकारियों को दिए। मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश में वीसी के माध्यम से आई जी आर एस की समीक्षा करते हुए कहा कि 23 नवंबर को माननीय मुख्यमंत्री जी आई जी आर एस के साथ सीएम हेल्पलाइन के डिफाल्टर प्रकरणों की समीक्षा करेंगे। इस दशा में वह जनपद जहां डिफाल्टर की स्थिति खराब है, वह तैयारी कर लंे। साथ ही निस्तारण की क्वालिटी का भी परीक्षण कर लें।
उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी स्वच्छता और जन शिकायतों के प्रति बेहद गंभीर है। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि नगर निगम में नगर आयुक्त तथा नगर पालिकाओं में ईओ एक मोहल्ले को निश्चित कर लें, वहां भ्रमण करते हुए साफ सफाई का निरीक्षण करें। साथ ही आप स्वयं वहां सफाई करते हुए स्वच्छता के लिए लोगों को प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि नगरीय क्षेत्र में भी कूड़ा जलाना प्रतिबंधित है। यदि ऐसा कहीं पाया जाता है तो सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने प्रदेश में प्रदूषण के संबंध में बताया कि एनजीटी व माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा संज्ञान लिया गया जिसमें प्रदूषण के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने पर उच्च अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निर्देश के बाद भी पराली जलाई जा रही है। झांसी जनपद में 121 तथा जालौन में 111 स्थानों पर पराली जलाए जाने की रिपोर्ट है। उन्होंने कहा कि पराली जलाना अपराधिक कृत्य है, यदि ऐसा किया जाता है तो कार्रवाई अवश्य करें। साथ ही किसानों को जागरूक करें कि पराली जलाये जाने से स्वयं का भी नुकसान है।
मुख्य सचिव आर के तिवारी ने वीसी के माध्यम से निर्देश देते हुए कहा कि जनपद में सभी जिलाधिकारी गोवंश की गणना कर रजिस्टर में दर्ज करें। आश्रय स्थल पर कितने गोवंश की आमद हुई, कितने सहभागिता योजना अंतर्गत किसानों को दिए गए तथा कितने गोवंश भाग गए व कितने गोवंश की मृत्यु हो गई, सभी का सत्यापन करा लें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि प्रतिदिन कितने गोवंश रहते हैं। उन सभी के लिए भूसा पानी आदि व्यवस्था कर ली जाए। उन्होंने सहभागिता योजना को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सुझाव दिया कि जिलाधिकारी स्वयं अपने यहां 5-5 गोवंश रखें, ताकि अन्य को भी यह संदेश दिया जा सके। ठंड से गोवंश की मौत ना हो यह सभी जिलाधिकारी सुनिश्चित कर लें।
स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश ने कहा कि आयुष्मान भारत में माननीय मुख्यमंत्री जी ने चिंता व्यक्त की और ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि योजना अंतर्गत कौन कौन से अस्पताल चिंहित हैं तथा कौन सा इलाज होता है उसकी सूचनाएं का चार्ट बनाकर प्रत्येक ग्राम प्रधान को दिया जाए ताकि ग्रामीण क्षेत्र में यदि कोई लाभार्थी है तो उसे लाभ प्राप्त हो सके। उन्होंने गोल्डन कार्ड बनाए जाने में तेजी लाने के निर्देश दिए।
वीसी के माध्यम से जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी ने बताया कि जनपद में पराली जलाने को प्रभावी ढंग से रोकने में असफल होने पर दो अधिकारियों को चेतावनी दी गई। साथ ही जनमानस को जागरूक करते हुए सूचित किया गया कि कहीं भी पराली जलाये जाने या जलती हुई पाए जाने पर डायल 100 पर फोन करें व सूचना दें।
इस मौके पर मंडलायुक्त सुभाष चंद शर्मा, नगर आयुक्त मनोज कुमार, अपर आयुक्त सर्वेश कुमार दीक्षित, एडीएम राम अक्षय वर, एडी स्वास्थ्य डॉ. सुमन बाबू मिश्रा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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