-विवाह पूर्व एवं पश्चात् होने वाली समस्याओं के सम्बन्ध में युवाओं को जागरुक करना पियर एजुकेटर्स का दायित्व
झाँसी, 23 नवम्बर 2019 (दैनिक पालिग्राफ)। भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय द्वारा राज्य परिवार नियोजन सेवा अभिनवीकरण परियोजना एजेन्सी (सिफ्सा) के सहयोग से बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय परिसर की राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा संचालित यूथ फेण्डली क्लीनिक के चयनित पियर एजुकेटर्स को प्रजनन स्वास्थ्य, विवाहपूर्व एवं पश्चात् होने वाली समस्याओं, यौन कुंठाओं, कुपोषण, परिवार नियोजन, लिंग भेद आदि विषयों पर प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से आयोजित दो दिवसीय पियर एजुकेटर्स कार्यशाला का समापन आज सम्पन्न हुआ।
हिन्दी विभाग स्थित वृन्दावन लाल वर्मा सभागार में आयोजित कार्यशाला के समापन सत्र को मुख्य अतिथि के रुप में सम्बोधित करते हुए सिफ्सा के मण्डलीय परियोजना प्रबन्धक डाॅ. आनन्द चैबे ने कहा कि युवाओं के अन्दर उत्तरदायित्व ग्रहण करने की भावना होनी चाहिए, ताकि वे भावी जीवन मंे अपनी जिम्मेवारियों का निर्वहन बेहतर तरीके से कर सकें। उन्होनें कहा कि स्त्री के रुप में पत्नि, पति की भावनाओं को समझे और पुरुष के रुप में पति, अपनी पत्नि की भावनाओं को समझे, तभी दाम्पत्य जीवन का बेहतर तरीके से निर्वहन हो सकता है। उन्होनें युवाओं का आव्हान किया कि युवाओं को विश्वविद्यालय परिसर एवं शिविर स्थलों पर युवाओं एवं समुदाय को जागरुक करें ताकि वे विवाह पूर्व एवं विवाह पश्चात् चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हो सकें।
कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम समन्वयक डाॅ. मुन्ना तिवारी ने कहा कि प्रशिक्षण के माध्यम से प्राप्त जानकारियों को पियर एजुकेटर्स एनएसएस के विभिन्न कार्यक्रमों के दौरान सम्पर्क में आने वाले व्यक्तियों व युवाओं के साथ सांझा करेगें, ताकि युवा हर तरह के शारीरिक, यौनिक एवं मानसिक तनाव से मुक्त होकर समाज के नवनिर्माण में अपने उत्तरदायित्वों को निभा सके।
कार्यशाला का संचालन कार्यक्रम अधिकारी डाॅ. मुहम्मद नईम ने किया। अतिथियों का स्वागत डाॅ. श्वेता पाण्डेय ने व आभार डाॅ. उमेश कुमार ने व्यक्त किया।
दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला के विभिन्न सत्रों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मण्डलीय लेखा प्रबन्धक सुुनील कुमार सोनी, जिला महिला चिकित्सालय की परामर्शदाता प्रियंका सेंगर, किशोरी परामर्शदाता हेमलता सिंह ने स्वास्थ्य के विभिन्न आयामों, पोषण, रक्तअल्पता, किशोरावस्था के मध्य होने वाले परिवर्तनों, यौन सम्बन्धी भ्रान्तियों आदि के विषय में पियर एजुकेटर्स को जानकारी दी। कार्यशाला के उपरान्त प्रशिक्षण से सम्बन्धित प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया, जिसमें गोपाल यादव, पुष्पराज, अनमोल दुबे को क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त हुआ, जबकि सांत्वना पुरस्कार मो. फजल व रोहित प्रजापति को दिया गया। इस अवसर पर पियर एजुकेटर्स के क्यू क्लब का गठन नोडल अधिकारी डाॅ. मुन्ना तिवारी एवं सदस्य डाॅ. मुहम्मद नईम व डाॅ. श्वेता पाण्डेय के संयोजन में किया गया। समस्त पियर एजुकेटर्स को सिफ्सा के सौजन्य से किट एवं प्रमाणपत्र वितरित किये गये।
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