झांसी, 23 नवम्बर 2019 (दैनिक पालिग्राफ)। जनपद में बालश्रम मुक्त बाजार बनाया जाये, ऐसे अभिभावक जो 14 वर्ष तक बच्चे की जिम्मेदारी नहीं उठाते हैं उन्हें बच्चांे को जन्म देने का कोई अधिकार नहीं होना चाहिए। बालश्रम अपराध है इसे आपसी समन्वय के साथ रोकना होगा। सड़क पर रहने वाले बच्चो को शिक्षा के माध्यम से समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जाये। नगर निगम, नगर पालिका परिषद इस जिम्मेदारी का निर्वहन करे। बालश्रम कुरीति को रोकना हम सभी का संकल्प है। ऐसे बच्चो को शासन द्वारा संचालित योजना का लाभ दिलाया जाये ताकि बाल श्रम को छोड़ सके। यह उद्गार डाॅ. प्रीति वर्मा मा0 सदस्या राज्य बाल संरक्षण आयोग उ0प्र0 ने सर्किट हाऊस में आयोजित 'बालश्रम रोकने में हमारी जिम्मेदारी विषय बैठक' की अध्यक्षता करते हुये विभिन्न व्यापारिक संगठन व अधिकारियो के समक्ष व्यक्त किये। उन्होने कहा कि 14 वर्ष के कम उम्र का बच्चा बालश्रम नही कर सकता, यह अपराध है। मा0 सदस्या राज्य बाल संरक्षण आयोग उ0प्र0 ने कहा कि आपसी तालमेल के साथ यदि काम किया जाये तो बालश्रम रोका जा सकता है। उन्होने कहा कि व्यापारी संगठन आगे आये ताकि बालश्रम रोकने को प्रभावी कार्यवाही की जा सके। उन्होने कहा कि बच्चो को काम देकर कोई परोपकार नही कर रहे, बल्कि यह अपराध है। ऐसे बच्चो को चिन्हित करते हुये शिक्षा से जोड़े ताकि वह शिक्षित होकर स्वयं रोजगार कर सके। मा0 सदस्या ने बताया कि अब 14 से 18 वर्ष आयु के किशोर/किशोरियो के लिये खतरनाक व व्यवसायो में कार्य करने हेतु प्रतिबन्धित कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि सड़क पर भीख मांगने वाले बच्चो को भीख न दे। ऐसे बच्चो का जन्म प्रमाण-पत्र व आधार बनाते हुये उन्हे शिक्षित करने के लिये स्कूल भेजे ताकि वह पढ़ सके। उन्होने कहा कि बालश्रम मुक्त बाजार बनाये, बालश्रम पाप और अपराध भी है। यदि सड़क पर रहने वाले बच्चे शिक्षित/सुरक्षित नही होगे तब तक सम्पूर्ण समाज का विकास सम्भव नही है। ऐसे बच्चे जो बालश्रम में पकड़े जाते है तो उन्हे लाभ दिलाया जाये। इसके साथ ही 14 वर्ष से अधिक बच्चो को शिक्षा की मुख्यधारा में रहकर कार्य कराया जा सकता है की भी जानकारी मा0 सदस्या ने दी। इस मौके पर संजय पटवारी ने मा0 सदस्या राज्य बाल संरक्षण आयोग को आश्वस्त करते हुये कहा कि बालश्रम बाजार के स्थान पर जनपद को बालश्रम मुक्त बनाया जायेगा। उन्होने बालश्रम में पकड़े बच्चो को शिक्षित करने हेतु भी किताबे आदि उपलब्ध कराये जाने की स्वीकृति दी।
सुमित गोड़ एमआईएस मैनेजर कौशल विकास ने बताया कि 14 से 35 उम्र के किशोरध्किशोरियो को रोजगार हेतु निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है। विभिन्न टेªडो के लिये ग्रामीण क्षेत्र से ऐसे बच्चो को चिन्हित किया जाता है जो वास्तव में जरुरतमंद है उन्हे उनकी रुचि के अनुसार प्रशिक्षण करते हुये रोजगार से जोड़ा जाता है। बैठक में चाइल्ड से बिल्लाल उल हक ने जनपद में पुर्नवास केन्द्र बनाये जाने की बात रखी और बताया कि पकड़े गये बच्चो को ललितपुर ले जाया जाता है। इससे समस्या आती है। बैठक से पूर्व उपश्रमायुक्त नदीम अहमद ने मा0 सदस्या का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया और बालश्रम उन्मूलन के सम्बन्ध में अब तक की कार्यवाही से अवगत कराया। उन्होने बताया कि भारत सरकार द्वारा बालश्रम अधिनियम 1986 में संशोधन करते हुये 14 वर्ष आयु तक के बच्चो का सभी प्रकार के कार्यो में कार्य करना प्रतिबन्धित कर दिया गया तथा संशोधित अधिनियम में 14 से 18 वर्ष आयु के किशोरध्किशोरियो के लिये खतरनाक व्यवसायो एवं प्रक्रियाओ में कार्य करने हेतु भी प्रतिबन्धित कर दिया गया है। उन्होने बालश्रम संशोधन अधिनियम 2016 की जानकारी दी। साथ ही अधिनियम अन्तर्गत छूटध्शिथिलता, दण्ड तथा संज्ञेय अपराध के साथ माता-पिता व अभिभावक के लिये दण्ड, बाल एवं किशोर श्रम पुर्नवासन कोष, बालश्रम चिन्हांकन आदि के विषयक अनेक जानकारी दी।
इस मौके पर श्रम प्रर्वतन अधिकारी अशीष अवस्थी, सुश्री नीलम विश्वकर्मा, व्यापारी नेता राजेश बिरथरे, संतोष साहू, चैधरी फिरोज, पार्षद जितेन्द्र सिंह, नीरज गुप्ता सहित अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका परिषद आदि उपस्थित रहे।
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