नई दिल्ली, 19 नवंबर 2019, (दैनिक पालिग्राफ)। पिछले साल से अब तक देश के 16 राज्यों में भारतीय स्टेट बैंक द्वारा 12 चरणों में कुल 6,128 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल (चुनावी) बॉन्ड बेचे गए हैं. इसमें से सबसे ज्यादा 1879 करोड़ रुपये के बॉन्ड मुंबई में बेचे गए हैं. दिल्ली में सबसे ज्यादा 4,917 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड इनकैश हुए यानी भुनाए गए हैं. रिटायर्ड कमोडोर लोकेश बत्रा द्वारा दाखिल आरटीआई आवेदन के जवाब में यह जानकारी मिली है.
गौरतलब है कि इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है. आरटीआई से ही यह खुलासा हुआ है कि रिजर्व बैंक ने इलेक्टोरल बॉन्ड जारी करने को लेकर सरकार को चेताया था. रिजर्व बैंक ने कहा था कि इस तरह के साधन जारी करने वाले अथॉरिटी को प्रभाव में लिया जा सकता है. इसकी वजह से इसमें पारदर्शिता पूरी तरह से नहीं रखी जा सकती. यह मनी लॉन्ड्रिग एक्ट को कमजोर करेगा. हालांकि सरकार ने यह दावा करते हुए पिछले साल यह बॉन्ड जारी किए थे इससे चुनावी चंदे में पारदर्शिता बढ़ेगी.
क्या होते हैं इलेक्टोरल बॉन्ड
सरकार ने इस दावे के साथ साल 2018 में इस बॉन्ड की शुरुआत की थी कि इससे राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता बढ़ेगी और साफ-सुथरा धन आएगा. इसमें व्यक्ति, कॉरपोरेट और संस्थाएं बॉन्ड खरीदकर राजनीतिक दलों को चंदे के रूप में देती हैं और राजनीतिक दल इस बॉन्ड को बैंक में भुनाकर नकदी हासिल करते हैं.
कौन जारी करता है इलेक्टोरल बॉन्ड
चुनावी चंदे के लिए देश के सभी राज्यों में भारतीय स्टेट बैंक की शाखाओं को ही इलेक्टोरल बॉन्ड जारी करने का अधिकार मिला हुआ है. अब तक इलेक्टोरल बॉन्ड की बिक्री के 12 चरण पूरे हो चुके हैं. इन 12 चरणों के दौरान 20 राज्यों में इलेक्टोरल बॉन्ड जारी किए गए. हालांकि इन 20 राज्यों में से सिर्फ 16 राज्यों में इलेक्टोरल बॉन्ड के खरीदार मिले. इन बॉन्ड को 13 राज्यों में भुनाया गया.
इलेक्टोरल बॉन्ड का सबसे ज्यादा 30.67 फीसदी हिस्सा मुंबई में बेचा गया. इनका सबसे ज्यादा 80.50 फीसदी हिस्सा दिल्ली में भुनाया गया. रिटायर्ड कमोडोर लोकेश ने 1 नवंबर, 2019 को यह आरटीआई दाखिल किया गया था.
क्यों जारी हुआ था इलेक्टोरल बॉन्ड
चुनावी फंडिंग व्यवस्था में सुधार के लिए सरकार ने पिछले साल इलेक्टोरल बॉन्ड की शुरुआत की है. 2 जनवरी, 2018 को तत्कालीन मोदी सरकार ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को अधिसूचित किया था. सबसे पहले मार्च 2018 में इलेक्टोरल बॉन्ड जारी किए गए थे. इलेक्टोरल बॉन्ड फाइनेंस एक्ट 2017 के द्वारा लाए गए थे. यह बॉन्ड साल में चार बार जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर में जारी किए जाते हैं.
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