अन्तर्राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स
1. भारत और ओमान के बीच शुरू हुआ ईस्टर्न ब्रिज-वी युद्ध अभ्यास
भारतीय वायुसेना द्वारा रॉयल एयर फोर्स ओमान के साथ मिलकर द्विपक्षीय 'ईस्टर्न ब्रिज-वी' अभ्यास का आयोजन किया जा रहा है। यह अभ्यास 17 अक्टूबर को शुरू हुआ, इसका समापन 26 अक्टूबर को होगा। इस अभ्यास का आयोजन ओमान के एयरफोर्स बेस मसिराह में किया जा रहा है।
मुख्य बिंदु
इस अभ्यास में पहली बार मिग-29 लड़ाकू विमान भारत के बाहर अंतर्राष्ट्रीय अभ्यास में हिस्सा ले रहा है। इस अभ्यास में भारत की ओर से परिवहन एयरक्राफ्ट सी-17 ग्लोबमास्टर भी हिस्सा लेंगा।
इस युद्ध अभ्यास में ओमान की ओर से यूरोफाइटर टाइफून, थ्-16 तथा हॉक 200 लड़ाकू विमान हिस्सा लेंगे।
इस अभ्यास के द्वारा दोनों देशों की वायुसेनाएं के बीच इंटरओपेराबिलिटी को बढ़ावा मिलेगा। पिछली बार इस अभ्यास का आयोजन 2017 में जामनगर में किया गया था।
2. फ्रांस में किया गया इंडो-फ्रेंच नॉलेज समिट 2019 का आयोजन
इंडो-फ्रेंच नॉलेज समिट 2019 का आयोजन फ्रांस में 17-18 अक्टूबर के दौरान फ्रांस की युनिवर्सिटी ऑफ ल्योन में किया गया। यह शिखर सम्मेलन उच्च शिक्षा, अनुसन्धान व नवोन्मेष के लिए समर्पित है। इस सम्मेलन का आयोजन भारत में फ्रांसिसी दूतावास द्वारा विज्ञान मंत्रालय तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ मिलकर किया गया।
इस शिखर सम्मेलन में शिक्षा, स्टार्टअप्स, कॉर्पोरेट हाउसेस, अनुसन्धान संगठन इत्यादि से 300 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इस शिखर सम्मेलन में इंटरैक्टिव सेशंस की श्रृंखला का आयोजन किया जायेगा। इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच शैक्षणिक तथा वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ावा देना है।
पृष्ठभूमि
इंडो-फ्रेंच नॉलेज समिट के पहले संस्करण का आयोजन 2018 में फ्रांसिसी राष्ट्रपति एमानुएल मैक्रॉन की ह्बरत यात्रा के दौरान किया गया। पहले संस्करण की सफलता के बाद दूसरे संस्करण का आयोजन फ्रांस में किया जा रहा है।
राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स
1. मुख्य सूचना आयुक्त तथा सूचना आयुक्तों के लिए नए ड्राफ्ट नियम
मौजूदा समय में मुख्य सूचना आयुक्त तथा सूचना आयुक्तों का कार्यकाल पांच का होता है, तथा उनके वेतन व भत्ते सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 में निर्धारित किये नियमों के मुताबिक ही दिए जाते हैं। नए ड्राफ्ट नियमों के मुताबिक मुख्य सूचना आयुक्त तथा सूचना आयुक्तों के लिए नियम तथा वेतन व भत्ते भारत सरकार के कैबिनेट सचिव की तर्ज पर निश्चित किये जायेंगे।
सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005
संसद ने 15 जून, 2005 को इस बिल को पारित किया था, यह अधिनियम 12 अक्टूबर, 2005 को लागू हुआ था। इस अधिनियम के तहत सरकारी विभागों को नागरिकों द्वारा मांगी गयी सूचना का जवाब निश्चित समय के भीतर देना पड़ता है। इसका पालन न करने पर सरकारी अधिकारियों पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। आरटीआई अधिनियम का उद्देश्य पारदर्शिता का बढ़ावा देना व सरकारी विभागों की जवाबदेही सुनिश्चित करना है। इस अधिनियम के तहत आरटीआई आवेदन पत्र को जवाब सरकारी विभाग को 30 दिन के भीतर देना होता है।
नोट
आरटीआई के तहत आतंरिक सुरक्षा से सम्बंधित जानकारी, बौद्धिक संपदा इत्यादि जानकारी नहीं दी जा सकती। निर्णय लागू किये जाने तक कैबिनेट पेपर्स को भी आरटीआई के दायरे से बाहर रखा गया है। कैबिनेट द्वारा किये गए विचार-विमर्श इत्यादि को भी त्ज्प् के दायरे से बाहर रखा गया है।
केन्द्रीय सूचना आयोग
केन्द्रीय सूचना आयोग की स्थापना केंद्र सरकार ने वर्ष 2005 में सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई), 2005 के तहत की गयी थी। स्वस्थ लोकतंत्र के शासन सम्बन्धी कार्यों में पारदर्शिता बनाये रखने में इस आयोग की भूमिका अति महत्वपूर्ण है। इसके द्वारा भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, दमन तथा सत्ता के दुरूपयोग को रोका जा सकता है। केन्द्रीय सूचना आयोग किसी भी व्यक्ति से प्राप्त शिकायत की जांच कर सकता है। मुख्य आयुक्त द्वारा संन्य अधीक्षण, निर्देशक तथा आयोग के प्रबंधन का कार्य किया जाता है, मुख्य सूचना आयुक्त की सहायता के लिए सूचना आयुक्त होते हैं। केन्द्रीय सूचना आयोग अपनी सूचना का अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन सम्बन्धी वार्षिक रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपता है। यह आयोग अपनी रिपोर्ट को संसद के दोनों सदनों में प्रस्तुत करता है।
3. केन्द्रीय सूचना आयोग की शक्तियां व कार्य
यह किसी भी तर्कसंगत मामले की छानबीन के आदेश दे सकता है।
यह सार्वजनिक प्राधिकरण द्वारा निर्णय निर्माण सुनिश्चित करवाता है।
यदि सार्वजनिक प्राधिकरण त्ज्प् अधिनियम के मुताबिक कार्य नहीं करता, तो यह आयोग समन्वय को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कदम उठाने की अनुशंसा कर सकता है।
यह किसी व्यक्ति से शिकायत प्राप्त कर सकता है तथा उस शिकायत की जांच करवा सकता है।
यह अपने अंतर्गत किसी भी सरकारी कार्यालय के रिकॉर्ड की छानबीन कर सकता है। जांच-पड़ताल के दौरान इस आयोग के पास सिविल कोर्ट की शक्ति होती है।
एनसीईआरटी:' 14 वर्ष पुराने पाठ्यक्रम को संशोधित किया जायेगा
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद् नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मुताबिक 14 वर्ष पुराने राष्ट्रीय पाठ्यक्रम फ्रेमवर्क को संशोधित करने की योजना बना रहा है। इसके लिए एक समिति की स्थापना की जयेगी। अब तक राष्ट्रीय पाठ्यक्रम फ्रेमवर्क को चार बार 1975, 1988, 2000 तथा 2005 में संशोधित किया जा चुका है। यह प्रस्तावित संशोधन फ्रेमवर्क में पांचवां संशोधन होगा। इसके लिए देश भर में प्राथमिक शिक्षा पर सर्वेक्षण किया जायेगा। प्रारंभिक सर्वेक्षण के लिए शिलोंग, भोपाल, राजस्थान तथा मैसूर को चुना गया है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति
मौजूदा शिक्षा नीति को 1986 में तैयार किया गया था, इसे 1992 में संशोधित किया गया था। इसरो के पूर्व चेयरमैन के. कस्तूरीरंगन तथा उनकी टीम ने नई शिक्षा नीति पर नया ड्राफ्ट सौंपा है। इस नए ड्राफ्ट के तहत पढ़ाई को रोचक तथा खोज-आधरित बनाने की अनुशंसा की गयी है।
इस प्रारूप में निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस वसूले जाने पर भी नियंत्रण किये जाने के लिए कहा गया है। विशेषज्ञ पैनल ने अध्यापक शिक्षा में वृहत स्तर पर परिवर्तन करने की अनुशंसा की है। इस पैनल के अनुसार अध्यापक शिक्षा कार्यक्रमों को बड़े बहु-क्षेत्रीय विश्वविद्यालयों तथा महाविद्यालयों में स्थानांतरित किया जाना चाहिए। इसमें गणित, खगोलशास्त्र, दर्शनशास्त्र, मनोविज्ञान, योग, वास्तुकला, औषधि, शासन, राजनीती, समाज इत्यादि में भारत के योगदान के टॉपिक को शामिल किये जाने की अनुशंसा की गयी है।
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