जिलों में पराली जलाए जाने की घटना पर डीएम, एसएसपी सहित अन्य अधिकारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई: मुख्य सचिव



झांसी, 2 दिसम्बर 2019 (दैनिक पालिग्राफ)। जिलों में यदि पराली जलाए जाने की घटना होती है तो डीएम, एसएसपी सहित अन्य अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पराली जलाए जलाए जाने की घटनाओं पर यदि लेखपाल एफ आई आर दर्ज नहीं कराते करा रहे या थानेदार एफ आई आर दर्ज नहीं कर रहे हैं तो उन्हें निलंबित करने की कार्रवाई की जाए। जनपद झांसी में पराली जलाये जाने की  घटनाओं पर  वृद्धि होने तथा शिथिल पर्यवेक्षण पर उपनिदेशक कृषि को प्रतिकूल प्रविष्टि दिए जाने के निर्देश। जनपद झांसी सहित मंडल में अब तक कितने स्थानों पर पराली जलायी गई क्या कार्रवाई की गई सभी की जानकारी दिनांक 3 दिसंबर तक उपलब्ध कराएं। गौ संरक्षण स्थल पर ठंड से गोवंश की मौत ना हो उन्हें ठंड से बचाने के उपाय किए जाएं। यह निर्देश मुख्य सचिव आर के तिवारी ने लोक भवन स्थित अपने कक्ष से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के मंडलायुक्त, जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों को विभागीय समीक्षा करते हुए दिए। उन्होंने सख्त हिदायत देते हुए कहा कि किसी भी दशा में जिलों में पराली जलाए जाने की घटनाओं को रोका जाए ।
मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश आर के तिवारी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से निर्देश देते हुए कहा कि पराली जलाने की को लेकर माननीय उच्चतम न्यायालय बेहद गंभीर है जहां पराली जलायी जा रही है वहां उच्च अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पराली जलाने से रोकने के लिए गौशाला स्थल व गौ संरक्षण  स्थल मे पराली रखी जाये और हरा चारा मिलाकर गौवंश को दिया जाए। उन्होंने कहा कि यदि पराली जलाए जाने की घटनाओं को रोका नहीं गया तो ग्रामीणो के साथ लेखपाल, थानाध्यक्ष व अन्य उच्च अधिकारियों पर ढाई हजार से 15000 रु. तक का अर्थ दंड लगाया जाएगा। उन्होंने हार्वेस्टर से कटाई पूर्णतया बंद करने के निर्देश दिए यदि ऐसा नहीं होता है तो उसे जब्त कर लें।
प्रदेश में पराली जलाये जाने की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि 25 नवंबर से 30 नवंबर तक जनपद झांसी में सबसे अधिक पराली 67 स्थानों पर जलाई गई यह स्थिति चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि 67 स्थानों पर पराली जलाए जाने की घटना पर कितने लोगों को निलंबित किया गया। एसडीएम क्या कर रहे हैं? मुख्य सचिव ने कहा कि प्रत्येक घटना की बिन्दुबार जानकारी दें। उन्होंने मंडलायुक्त से मंडल के सभी जिलाधिकारियों से पराली जलाए जाने व कार्रवाई करने की क्या प्रगति है। सूचना प्राप्त कर प्रेषित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग 26 पुलिस अधीक्षक से स्पष्टीकरण लिया जा चुका है। यदि पराली जलाए जाने की घटनाओं को बंद नहीं किया जाता है तो डीएम के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है।
मुख्य सचिव आर के तिवारी ने पशुपालन विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि पशुपालक यदि अपने को गौवंश छुट्टा छोड़ते हैं तो उनके ऊपर अर्थदंड लगाया जाए। उन्होंने कहा किसी भी सूरत में ठंड से गौवंश की मौत नहीं होनी चाहिए उन्हें ठंड से बचाए जाने के उपायों को सुनिश्चित करें। विशेष रूप से बुंदेलखंड क्षेत्र के जिले इन व्यवस्थाओं को बेहतर ढंग से कर ले।  गौशाला एवं गौआश्रय स्थल पर केयर टेकर रात में भी रहे। यदि गोवंश बीमार है तो उनका उसका समुचित इलाज कराया जाए। जिलाधिकारी गौशाला का निरीक्षण अवश्य करें।
वीडियो कांफ्रेंसिंग में मंडलायुक्त सुभाष चंद शर्मा ने बताया कि अब तक जनपद झांसी में 32 गांवों में लगभग 375 स्थलों पर पराली जलाये जाने की घटना हुई है। इसके साथ ही 25 नवंबर 30 से 30 नवंबर के बीच 67 घटनाओं की जानकारी दी गई। सभी घटनाओं की विस्तृत रिपोर्ट तलब करते हुए संबंधित लेखपाल थानाध्यक्ष सहित अन्य उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में एसडीएम सहित अनेक स्थानों पर भ्रमण करते हुए पराली जलाए जाने की घटनाओं को रोकने व कार्रवाई करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिस पर कार्रवाई की जाएगी।
इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे, अपर आयुक्त डॉ अख्तर रियाज,  नगर आयुक्त मनोज कुमार, अपर आयुक्त सर्वेश कुमार दीक्षित, एडीएम राम अक्षयवर चैहान, जेडीसी चन्द्रशेखर शुक्ला सहित स्वास्थ्य, पंचायती राज,  विघुत,  पशुपालन व डूडा विभाग आदि के अधिकारी उपस्थित रहे।


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